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रूद्रपुर 13 मई, 2025 (सू0वि0)- कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग उत्तराखण्ड तथा मेधा संस्था द्वारा स्थानीय होटल में एक दिवसीय ’’रोजगार की राहें, इन्डस्ट्री आकादमिक साझेदारी सम्मेलन का आयोजन किया गया। एक दिवसीय सम्मेलन का मा0 कौशल विकास एवं सेवायोजन, दुग्ध, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने दीप प्रज्जलित कर शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड सरकारी आईटीआई का परिवर्तन नामक शीर्षक पुस्तक का विमोचन किया गया।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मा0 मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आईटीआई और उद्योगों के बीच सहयोग को मजबूत करना, कौशल अन्तर को कम करना और उत्तराखण्ड के युवाओं के लिए सार्थक कैरियर के रास्ते तैयार करना है। उन्होने कहा कि औद्योगिक संस्थान अपने ट्रेड व रोजगार मांग दे ताकि हम अपने आईटीआई के युवाओं को उनकी ट्रेड व मांग के अनुसार ट्रेनिंग देकर तैयार कर सकें ताकि आईटीआई ट्रेंड युवाओं को शीघ्र रोजगार मिल सकें उन्हे रोजगार के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। उन्होेने कहा आईटीआई संस्थानों में साधारण परिवार के मध्यम पढाई वाले बच्चे आते है। इसलिए हम सभी का उनका भविष्य सवारने का दायित्व है। उन्होने कहा मैदानी क्षेत्रों मे औद्योगिक संस्थान होने के कारण मैदानी क्षेत्रों के आईटीआई संस्थानों के युवाओं को रोजगार मिल जाता है मगर पहाड़ के आईटीआई के बच्चों को रोजगार आसानी से नही मिल पाता इसलिए उन्होने औद्योगिक संस्थानों से पहाड़ के आईटीआई बच्चों के लिए उदारता व सिथिलता बरतते हुए उन्हे भी रोजगार से जोड़ने की अपील की। उन्होने कहा इस सम्मेलन से आयी समस्याओं एवं सुझावों को समाहित करते हुए आईटीआई को आगे बढ़ाने का कार्य किया जायेगा। उन्होने सभी औद्योगिक संस्थाओं से ऑचल के दूध व दूग्ध उत्पादों की खरीदने की अपील भी ताकि दूग्ध व्यवसाय से जुड़े 60 हजार परिवारों को लाभ मिल सकें व उनकी आर्थिकी मजबूत हो सकें।
सचिव कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग सी रविशंकर कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में ऐसे ट्रेडों में युवाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षित किया जाये ताकि प्रशिक्षित युवा अपने प्रदेश के औद्योगिक संस्थानो की मांग पूरा करते हुए देश व विदेश के औद्योगिक संस्थानों में भी कार्य कर सकें। उन्होने कहा कि स्थानीय युवाओं को रोजगार देने पर औद्योगिक संस्थानों को भी फायदा होगा, क्योकि स्थानीय युवा पूर्ण क्षमता से कार्य करेगें व अवकाश भी कम जायेगें। उन्होने कहा कि आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाना है ताकि आईटीआई प्रशिक्षित युवाओं को शतप्रतिश प्लेसमेंट मिल सकें।
निदेशक प्रशिक्षण एवं कौशल विकास, सेवायोजन संजय कुमार खेतवाल ने कहा कि इस कॉनफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य उद्योगों एवं कौशल विकास गैप विश्लेषण करना है। उन्होने कहा युवाओं को औद्योगिक संस्थानों की मांग के अनुसार विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित कर उनका कौशल विकास करते हुए शतप्रतिशत आईटीआई प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार से जोड़ना है। उन्होने औद्योगिक संस्थानों से पहाड़ के आईटीआई ट्रेडो को गोद लेने की अपील की।
सम्मेलन में उद्योगों के प्रतिनिधि, आईटीआई प्रधानाचार्य, आईटीआई एवं सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के छात्रों ने अपने सीखने की यात्रा को साझा किया। उन्होने ऑन द जॉब टेªनिंग व अपं्रेटिसशिप के जरिये अनुभव, कठिनाई और सुधार के सुझाओं पर प्रकाश डाला।
सम्मेलन में जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिंदल, पूर्व मेयर रामपाल सिंह, संयुक्त निदेशक मयंक अग्रवाल, आईआईटी रूड़की प्रो0 सुभीर सेन, एचआर प्रमुख अशोक लिलैंड विशाल सिंह, एचआर बीपी, वारोक इंजिनियरिंग रितु श्रीवास्तव, सह संस्थापक मेद्या व्योमकेश मिश्रा, अध्यक्ष सिडकुल एंटरप्रेन्योर वेलफेयर एसोसिएसन श्रीकर सिन्हा, श्रुति देवरा, स्नेहा स्वराज, प्रिया भारद्वाज, सौरभ भारती, मोनिका कुमारी, सौरभ राय, जिला सेवायोजन अधिकारी राजेश दुर्गापाल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 आशुतोष जोशी, सहायक निदेशक मत्स्य संजय कुमार छिमवाल सहित आईटीआई के छात्र, प्रधानाचार्य आदि मौजूद थे।