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काशीपुर: कुमायूँ गढ़वाल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (केजीसीसीआई) के अध्यक्ष अशोक बंसल द्वारा अवगत कराया गया है कि केजीसीसीआई द्वारा ‘एक देश-एक चुनाव’ संयुक्त संसदीय समिति को पत्र के माध्यम से सुझाव प्रेषित किए गए हैं। श्री बंसल द्वारा संयुक्त संसदीय समिति को सुझाव दिए गए हैं कि बार-बार चुनावों के कारण आचार संहिता लागू हो जाती है, जिससे सरकारी स्वीकृतियां, निर्माण कार्य और अन्य विकास परियोजनाएं बाधित होती हैं। एक साथ चुनाव होने से इन बाधाओं में कमी आएगी और परियोजनाएं समय पर पूरी हो सकेंगी।बार-बार चुनावी खर्च और प्रशासनिक संसाधनों की बचत होगी, जिससे सरकार की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और उद्योगों को दी जाने वाली सुविधाओं व प्रोत्साहनों में निरंतरता बनी रहेगी। चुनावों की अनिश्चितता के कारण निवेशकों में असमंजस रहता है। एक साथ चुनाव होने से पांच वर्षों तक नीतिगत स्थिरता रहेगी, जिससे निवेश, विस्तार और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। बार-बार चुनावों के दौरान लागू आचार संहिता से उद्योगों को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं एवं मंजूरियां बाधित होती हैं। इससे उत्पादन, आपूर्ति और व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ता है, जो “वन नेशन वन इलेक्शन” से काफी हद तक कम होगा। एक साथ चुनाव होने से प्रशासनिक मशीनरी का ध्यान विकास कार्यों पर केंद्रित रहेगा, जिससे उद्योगों के साथ-साथ समाज के अन्य वर्गों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि केजीसीसीआई का मानना है कि “वन नेशन वन इलेक्शन के सफल क्रियान्वयन से उत्तराखण्ड सहित देशभर के उद्योगों को दीर्घकालिक लाभ मिलेंगे, जिससे राज्य और देश की आर्थिक प्रगति को बल मिलेगा।